भारत का ऐतिहासिक पतन: 46 रन पर ऑल आउट, न्यूजीलैंड के खिलाफ सबसे कम स्कोर
क्रिकेट के मैदान पर भारत का प्रदर्शन अक्सर शानदार रहा है, लेकिन कभी-कभी ऐसे क्षण भी आते हैं जब सब कुछ उल्टा पड़ जाता है। बेंगलुरु में खेले गए एक टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट ने ऐसा ही एक कड़वा अनुभव किया, जब पूरी टीम मात्र 46 रन पर ऑल आउट हो गई। यह न केवल घरेलू मैदान पर भारत का अब तक का सबसे कम स्कोर था, बल्कि न्यूजीलैंड के खिलाफ किसी भी टीम का सबसे कम स्कोर भी था।
इतिहास में दर्ज सबसे खराब प्रदर्शन
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था, लेकिन यह निर्णय जल्दी ही टीम के लिए भारी पड़ गया। 46 रन पर सिमटना, घरेलू मैदान पर भारत के लिए सबसे शर्मनाक स्कोर साबित हुआ। इससे पहले भारत का सबसे कम स्कोर 1987 में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ दिल्ली में 75 रन था। यह टेस्ट इतिहास में भारत का तीसरा सबसे कम स्कोर भी था, जिसमें पहले दो स्कोर 36 रन (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, 2020) और 42 रन (इंग्लैंड के खिलाफ, 1974) थे।
एशिया में सबसे कम स्कोर का नया रिकॉर्ड
यह मैच एशिया में खेले गए टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भी विशेष स्थान रखता है, क्योंकि यह किसी भी टीम का एशियाई धरती पर अब तक का सबसे कम स्कोर था। इससे पहले 53 रन वेस्ट इंडीज़ ने 1986 में पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में और पाकिस्तान ने 2002 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शारजाह में बनाए थे।
भारत के पांच बल्लेबाज शून्य पर आउट
इस शर्मनाक हार में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि भारत के शीर्ष आठ बल्लेबाजों में से पांच बल्लेबाज बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। भारतीय क्रिकेट इतिहास में यह केवल दूसरी बार था जब पांच बल्लेबाजों ने शून्य पर आउट होकर टीम की स्थिति को और खराब कर दिया। इससे पहले ऐसा 1888 में ऑस्ट्रेलिया की टीम के साथ हुआ था, जब वे इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में 5 विकेट शून्य पर खो चुके थे।
पेसर्स का कहर: सभी 10 विकेट न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने लिए
इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी का फायदा उठाते हुए न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने सभी 10 विकेट अपने नाम किए। यह 2012 के बाद पहली बार हुआ था जब किसी विदेशी टीम के तेज गेंदबाजों ने भारत के खिलाफ पूरी पारी में विकेट झटके थे। हैरानी की बात यह थी कि यह कारनामा भी बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने ही किया था।
मैट हेनरी का ऐतिहासिक प्रदर्शन
न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मैट हेनरी ने इस मैच में भारत के खिलाफ 5 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने करियर के 100 टेस्ट विकेट पूरे किए और यह उपलब्धि हासिल करने वाले न्यूजीलैंड के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक बन गए। उन्होंने 5/15 का बेहतरीन स्पेल डाला, जो भारतीय धरती पर किसी भी न्यूजीलैंड गेंदबाज का चौथा सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है। हेनरी का यह प्रदर्शन इस बात का संकेत था कि न्यूजीलैंड की गेंदबाजी लाइन-अप ने भारतीय बल्लेबाजों को पूरी तरह से धराशायी कर दिया था।
भारत के लिए करारी शिकस्त, लेकिन सबक भी
भारत का यह प्रदर्शन हर मायने में टीम के लिए एक करारा झटका था। 46 रन पर ऑल आउट होना भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक काला दिन था। लेकिन यह क्रिकेट का खेल है, जहाँ कभी भी कुछ भी हो सकता है। टीम इंडिया पहले भी ऐसी परिस्थितियों से उबरी है और यह उम्मीद की जा सकती है कि वे इस हार से सीखेंगे और और भी मजबूत होकर वापसी करेंगे।
यह मैच भारतीय क्रिकेट टीम को यह याद दिलाने वाला था कि खेल में कभी-कभी अप्रत्याशित परिणाम भी सामने आते हैं। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की प्रशंसा की जानी चाहिए जिन्होंने भारत के सामने न केवल गेंदबाजी में अपना दबदबा दिखाया बल्कि इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच को यादगार बना दिया।
इस हार से भारतीय टीम को आत्मविश्लेषण का मौका मिला है। घरेलू मैदान पर ऐसा प्रदर्शन किसी भी टीम के लिए आत्ममंथन का समय होता है। टीम को न केवल अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना होगा, बल्कि इस प्रकार की स्थितियों से निपटने के लिए मानसिक रूप से भी खुद को तैयार करना होगा।
हालांकि यह दिन भारतीय क्रिकेट के लिए निराशाजनक था, लेकिन यह खेल का एक हिस्सा है। हार से मिली सीख भविष्य में टीम को और मजबूती देगी, और भारतीय क्रिकेट फिर से अपनी ऊंचाईयों को छूने के लिए तैयार होगा।
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